वर्तमान शोध पत्र गुटनिरपेक्ष आन्दोलन के कार्टेग्ना सम्मेलन का मूल्यांकन करता है तथा यह बताने का प्रयास है कि भारत ने इस सम्मेलन में किस प्रकार की भूमिका निभाई। इस सम्मेलन के अंतिम घाषणा में नए कार्यक्रमों को मंजूरी दी गई। सदस्य देशों की विशेष बैठक में 64 सूत्रीय प्रस्ताव स्वीकृत किये गए। तथा इसके साथ ही यह सम्मेलन इसलिए भी महत्वपूर्ण रहा कि सदस्य देशों ने पहली बार अपनी आर्थिक प्राथमिकताओं को रेखांकित किया। नेताओं का विचार था कि शीतयुद्ध के पहले के राजनैतिक तनावों से छुटकारा पाने के बाद निरक्षरता और गरीबी उन्मूलन की गुटनिरपेक्ष आंदोलन की वचनबद्धता को पूरा करने के लिए विकासशील देशों के बीच बातचीत को बढावा दिया जाना चाहिए।