भारतीय विदेश नीति में नवीन प्रतिमान: मोदी डॉक्ट्रिन
जग्गू दान रतनू
उपर्युक्त अनुच्छेद में भारतीय विदेश नीति में आये परिवर्तन और स्थिरता के संदर्भ में तमाम पक्षों की विवेचना की गयी है।सामान्यत, वैश्विक राजनीति में नवीन घटनाक्रम जैसे ब्रेक्सिट की घटना, डोनल्ड ट्रूप की विजय और समूचे विश्व वैश्वीकरण के प्रति बढ़ते विरोध के सदर्भ में भारतीय विदेश नीति में भी नवीन रुपनातरण आये। राष्ट्रवादी आदर्शो से प्रेरित सरकार बनने के बाद विदेश नीति में नवीन संकल्पनाओ और प्रतिमानो की स्थापना की चर्चा अकादमिक क्षेत्र में शुरु हुई। किस तरह हमारी घरेलु राजनीति ने भारत की पश्चिम एशिया के प्रति विदेश नीति को प्रभावित किया, उसका भी उल्लेख किया गया है। जिसके अंतर्गत इजराइल के रिस्तो को प्रगाढ़ता प्रदान करना, संयक्त राष्ट्र संघ में फिलिस्तीनी मुद्दे पर अनुपस्थित रहना। वही मेक इन इंडिया, सांस्कृतिक कूटनीति, अंतरीक्ष कूटनीति जैसे कारको के माध्यम से महाशक्ति बनाने की चाह इत्यादी आयामों की विवेचना की गयी है। इसके साथ दक्षिण एशिया महाद्वीप में सार्क जैसे संगठन के विकल्प के तोर पर बिम्सटेक को वरीयता देना जैसे तत्व भारतीय विदेश नीति में यथार्थवादी और सामाजिक संरचनावादी दृश्टिकोणों को चरितार्थ करती है।
जग्गू दान रतनू. भारतीय विदेश नीति में नवीन प्रतिमान: मोदी डॉक्ट्रिन. International Journal of Advanced Research and Development, Volume 2, Issue 4, 2017, Pages 367-369