श्री विश्वनाथ प्रताप सिंह (पूर्व प्रधानमंत्री) : कृतित्व का समीक्षात्मक अध्ययन
डाॅ0 इन्द्रजीत सिंह
विश्वनाथ प्रताप सिंह के लिए चुनौतियों से गुजरना नई बात नहीं थी। अपने जीवन में वे चुनौतियों से ही तो खेलते आए थे। पिछड़ी जातियों को समानता एवं विकास की मुख्यधारा में लाने के लिए सरकार द्वारा नियुक्त किए मंडल आयोग की सिफारिशें अर्से से सरकारी आलमारियों में धूल चाट रही थी। चुनौतियों के बीच सिर्फ अपने अंतर्मन की पुकार पर निर्णय लेने वाले विश्वनाथ प्रताप सिंह ने उन सिफारिशों को लागू करने की घोषणा कर, अपने सहयोगियों और विरोधियों को एक साथ चैका दिया। मंडल आयोग की सिफारिशें पार्टी के सवर्ण नेताओं के जातीय हितों के प्रतिकूल थी, मगर राजनीतिक कारणों से वे उसका विरोध भी कहीं कर पा रहे थे। पर्दे के पीछे इन्हीें नेताओं के उकसावे पर दिल्ली समेत देश के अनेक राज्यों में छात्र आन्दोलन तेज हो गया। जगह-जगह से तोड़-फोड़ और आत्मदाह की खबरें आने लगीं। सवर्ण मानसिकता के शिकार मीडिया ने उन दिनों पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाया। खबरों को तोड़-मरोड़कर प्रस्तुत करने तथा स्थिति को और अधिक विस्फोटक बनाने में कई अखबारों ने कोई कोर कसर न छोड़ी, जिसकी आन्दोलन के बाद खूब भत्र्सना भी हुई।
डाॅ0 इन्द्रजीत सिंह. श्री विश्वनाथ प्रताप सिंह (पूर्व प्रधानमंत्री) : कृतित्व का समीक्षात्मक अध्ययन. International Journal of Advanced Research and Development, Volume 4, Issue 1, 2019, Pages 58-61